नेपाल में शुक्रवार रात 6.4 तीव्रता का विनाशकारी भूकंप आया जिसमें सैकड़ों घर तबाह हो गए। इस भूकंप में नेपाल के उत्तर-पश्चिमी जिलों में धरती इस कदर कांपी कि इमारतों के साथ कई इलाके पूरी तरह बर्बाद हो गए हैं। मीडिया रेपोर्ट्स के आंकड़ों के अनुसार अब तक 132 लोगों की मौत हो चुकी है।
नेपाल के इस भूकंप से एक बार फिर 2015 में आए विनाशकारी भूकंप की यादें ताज़ा हो गई हैं जिसमें 8 हजारों लोगों की जान गई थी। 03 नवम्बर की रात 11 बजकर 47 मिनट पर आए नेपाल के भूकंप में सिर्फ 48 मिनट के भीतर भूकंप के 4 झटके महसूस किए गए।
भूकंप के चार तेज़ झटकों ने नेपाल को एक बार फिर बर्बादी कर दिया। भूकंप की तीव्रता इतनी तेज़ थी कि सड़कों में बड़ी-बड़ी दरारे आ गईं और कई घर मिट्टी में मिल गए। रात का समय होने की वजह से ज्यादातर लोग उस वक्त सोये थे इसलिए जान-माल का नुकसान ज्यादा हुआ है।
नेपाल के रमीडांडा में था भूकंप का केंद्र
नेपाल में कल रात आए इस भयानक भूकंप का केंद्र जाजरकोट के पश्चिमी क्षेत्र रमीडांडा में था। भूकंप का केंद्र होने के कारण नेपाल के रमीडांडा में सबसे ज्यादा तबाही हुई है। जाजरकोट नेपाल का पहाड़ी इलाका है। इस क्षेत्र की आबादी लगभग 2 लाख है।
अमेरिकी भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण के अनुसार नेपाल में आए भूकंप की तीव्रता 5.6 थी जबकि जर्मन रिसर्च सेंटर फॉर जियोसाइंसेज ने भूकंप की तीव्रता का अनुमान 5.7 बताया। हालांकि नेपाल के राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र ने भूकंप की तीव्रता 6.4 नापी है।
प्रधानमंत्री दहल जाजरकोट पहुंचे
नेपाल में आए विनाशकारी भूकंप का जायजा लेने और राहत बचाव कार्यों की समीक्षा करने नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल जाजरकोट पहुँच गए हैं। प्रधानमंत्री दहल ने भूकंप प्रभावित इलाकों में लोगों से मुलाक़ात भी की है।
स्थानीय अधिकारियों के अनुसार इस क्षेत्र में मौसम खराब होने के कारण दवाओं, भोजन और राहत सामाग्री पीड़ितों तक पहुँचाने में देरी हो रही है। कई स्वास्थ्य टीमें प्रभावित इलाकों में पहुँच चुकी हैं।
नेपाल के भूकंप में अब तक कुल 132 लोगों की जान जा चुकी है। सूत्रों के अनुसार ये आंकड़ा अभी और बढ़ सकता है। कई लोग अभी इमारतों के मलबे में दबे हो सकते हैं।
नेपाल में भयानक भूकंप के तेज़ झटके भारत के कई राज्यों में भी महसूस किए गए। राजधानी दिल्ली समेत उत्तर प्रदेश, बिहार, और मध्य प्रदेश में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए।